॥ डम डम डमरू बजाना होगा भोले मेरी कुटिया में आना होगा ॥


डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा

सावन के महीने में हम बेल पत्ते लायेंगे
वही बेल हम भोले को चढ़ायेंगे
थाली में फुल और चन्दन होगा

भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा

सावन के महीने में हम गंगा जल लायेंगे
वही गंगाजल हम भोले को चढ़ायेंगे
फिर तो भजन और किर्तन होगा

भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा

सावन के महीने में हम गंगा रेत लायेंगे
वही गंगा रेत हम शिवलिंग बनायेगे
फिर तो भोले का अभिनन्दन होगा

भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा

सावन के महीने में हम भांग धतुरा लायेंगे
वही भांग धतुरा हम भोले को चढ़ाएंगे
फिर तो भोले को भोग लगाना होगा

भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा

सावन के महीने में हम कांवड़ लेके आयेंगे
कांवड़ लेके आयेंगे हम भोले को मनाएंगे
फिर तो चरणामृत हमको मिलेगा

भोले मेरी कुटिया में आना होगा
डम डम डमरू बजाना होगा
भोले मेरी कुटिया में आना होगा


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