॥ सजे है अंबर सजी है धरती ॥


सजे है अंबर सजी है धरती
सजी पुरी आकाश जी
गौरा जी को लेने आए मेरे भोलेनाथ जी

घुंघट में चंदा सी लगे मेरी मैया पार्वती
मन मोहक सा रूप है लगे मेरे भोलेनाथ की
मिलन की मंगल घड़ी है आई शक्ति शिव के साथ जी
गौरा जी को लेने आये मेरे भोलेनाथ जी

सजे है काशी सजी उज्जैनी
सजी पुरी कैलाश जी
गौरा जी को लेने ऐ मेरे भोलेनाथ जी

थामा हाथ मा गौरा का मेरे भोलेनाथ ने
बचन दिया है साथ रहेंगे हर मुश्किल हालत में
मिलन की मंगल घड़ी है आई शक्ति शिव के साथ जी
गौरा जी को लेने ऐ मेरे भोलेनाथ जी

सजी हिमाचल सजी हिमालय
सजी पुरी बरात जी
गौरा जी को लेने ऐ मेरे भोलेनाथ जी

सात फिरो से आज बनेगी पार्वती भोलेनाथ की
पुष्प की वर्षा देव करे है नमन करे हर बार जी
मिलन की मंगल घड़ी है आई शक्ति शिव के साथ जी
गौरा जी को लेने ऐ मेरे भोलेनाथ जी

सजे है अंबर साजी है धरती
सजी पुरी आकाश जी
गौरा जी को लेने आए


Scroll to Top