
॥ भगवान शिव के प्रसिद्ध मंत्र ॥
ॐ नमः शिवाय
Om Namah Shivaya
शिव का सबसे प्रसिद्ध पंचाक्षरी मंत्र।
शांति, ध्यान, आत्मा की शुद्धि और शिव कृपा के लिए।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushtivardhanam,
Urvarukamiva Bandhanan Mrityor Mukshiya Maamritat.
महामृत्युंजय मंत्र — रोग, भय और मृत्यु से रक्षा करता है।
ॐ मृत्युंजयमहादेवं त्राहि मां शरणागतम् ।
जन्ममृत्युजराव्याधिपीडितं कर्मबन्धनै:॥
Om mṛtyuñjaya-mahādevaṁ trāhi māṁ śaraṇāgatam,
janma-mṛtyu-jarā-vyādhi-pīḍitaṁ karma-bandhanaiḥ.
महामृत्युंजय मंत्र — रोग, भय और मृत्यु से रक्षा करता है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
Om Tatpurushaya Vidmahe Mahadevaya Dhimahi,
Tanno Rudrah Prachodayat.
रुद्र गायत्री मंत्र — ध्यान और आध्यात्मिक जागरण के लिए।
ॐ नमस्ते अस्तु भगवन विश्वेश्वराय महादेवाय त्रयंबकाय त्रिपुरान्तकाय
त्रिकालाग्निकालाय कालाग्निरुद्राय नीलकंठाय मृत्युञ्जयाय
सर्वेश्वराय सदा शिवाय श्रीमन् महादेवाय नमः ॥
Om Namaste Astu Bhagwan Vishweshwaraya Mahadevaya
Tryambakaya Tripurantakaya Trikalagnikalaaya Kalagnirudraya
Neelakanthaya Mrityunjayay Sarveshwaraya Sada Shivaya
Shriman Mahadevaya Namah
ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं वन्दे जगत्कारणं।
वन्दे पन्नगभूषणं मृगधर वन्दे पशुनां पतिं ॥
वन्दे सूर्यशशांकवह्निनयनं वन्दे मुकुन्दप्रियं।
वन्दे भक्तजनाश्रयं च वरद वन्दे शिवं शंकरं ॥
Om Vande Dev Uma Patim Suraguru Vande Jagatkaranam
Vande Pannagabhushanam Mrigadaram Vande Pashunam Patim
Vande Surya Shashanka Vahni Nayanam Vande Mukundapriyam
Vande Bhakta Janashrayam Cha Varada Vande Shivam Shankaram
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं शिवत्वं यत् तव स्थितम्।
तेन त्वं शिवरूपेण सदैव हि विरेकृतः॥
Shree Shivaya Namastubhyam
Shivatvam Yat Tava Sthitam
Tena Tvam Shiva Roopena
Sadaiva Hi Virekritah
हे भगवान शिव, आपको नमस्कार। आपमें जो शिवत्व है, वही आपकी दिव्यता है।
उसी कारण आप सदा शिव रूप में प्रकट होते हैं औ सदैव पवित्रता व कल्याण के प्रतीक हैं।
ॐ अघोरेभ्यो घोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः।
सर्वः सर्वेभ्यः सर्वः नमस्ते अस्तु रुद्र रूपेभ्यः॥
Om Aghorebhyo Ghorebhyo Ghoraghoratarebhyah,
Sarvah Sarvebhyah Sarvah Namaste Astu Rudra Roopebhyah.
अघोर मंत्र — नकारात्मकता और भय से मुक्त करने वाला रुद्र मंत्र।
ॐ कालभैरवाय विद्महे
कालान्तकाय धीमहि
तन्नो भैरवः प्रचोदयात्॥
Om Kalabhairavaya Vidmahe
Kaalantakaya Dhimahi
Tanno Bhairavah Prachodayat
कालभैरव गायत्री मंत्र — यह मंत्र भगवान कालभैरव की उपासना के लिए है।
यह भय, नकारात्मकता, बुरी शक्तियों और अज्ञान से मुक्ति पाने के लिए होता है।
ॐ शिवायै नमः शिवाय नमः।
शिवशक्तिस्वरूपाय नमः॥
Om Shivayai Namah, Shivaya Namah,
Shiva-Shakti Swaroopaya Namah
शिव-शक्ति मंत्र — ऊर्जा, प्रेम और संतुलन के लिए।
करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम्॥
विहितमविहितं वा सर्वमेतत् क्षमस्व।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शंभो॥
Karacharana Kritam Vaakkayajam Karmajam Va,
Shravana-Nayanajam Va Manasam Vaparadham,
Vihitam Avihitam Va Sarvametat Kshamasva,
Jaya Jaya Karunabdhe Shri Mahadeva Shambho
शिव क्षमा मंत्र — आराधना से पूर्व या पश्चात क्षमा प्रार्थना।
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रयायुधम्।
त्रिजन्म पाप संहारं एकबिल्वं शिवार्पणम्॥
Tridalam Trigunakaram Trinetram Cha Trayayudham,
Trijanma Paapa Samharam Ekabilvam Shivarpanam
बिल्वाष्टक मंत्र — बेलपत्र अर्पण के समय बोला जाने वाला पवित्र श्लोक।
ॐ रुद्राय नमः
Om Rudraya Namah
एक सरल लेकिन प्रभावशाली मंत्र — रुद्र स्वरूप की उपासना हेतु।
ॐ पशुपतये नमः
Om Pashupataye Namah
शिव को पशुओं और समस्त जीवों के स्वामी रूप में समर्पित।
ॐ नीलकंठाय नमः
Om Neelakanthaya Namah
विषपान करने वाले करुणामय शिव को प्रणाम।
ॐ शम्भवे नमः
Om Shambhave Namah
शांति, आनंद और कल्याण के प्रतीक शिव को अर्पित।
ॐ उमापतये नमः
Om Umapataye Namah
पार्वती के प्रियतम शिव को समर्पित मंत्र।
ॐ नमो भगवते रुद्राय
Om Namo Bhagavate Rudraya
शिव के उग्र, परंतु दयालु रूप को समर्पित मंत्र।
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